रीवा/शहडोल | लोकायुक्त पुलिस ने शहडोल में पदस्थ एमपीईबी के जूनियर इंजीनियर राजेश तिवारी को 15 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के बाद लोकायुक्त एसपी राजेंद्र वर्मा ने बताया कि शिकायत करने वाले सीधी के ठेकेदार भानु प्रसाद कचेर से 36 करोड़ रुपए के काम का भुगतान कराने के एवज में तिवारी ने पहले 6% कमीशन मांगा था।
सौदा न होने पर उसने भानु का पेमेंट अटका रखा था। तब तिवारी सीधी में पदस्थ था। बाद में उसका ट्रांसफर शहडोल हो गया और अब भानु से 15 लाख रुपए की घूस का सौदा तय हुआ। भानु ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की। इसके बाद तिवारी को रंगे हाथ दबोच लिया गया। वह रीवा का रहने वाला है और उसकी सतना में भी कई संपत्तियां हैं, जिन्हें जांच में लिया गया है। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया है, जहां से पूछताछ के लिए दो दिन की रिमांड पर लिया गया है।
पांच लाख का चेक, 10 लाख रु. नकद
वर्मा ने बताया कि भानु ने सीधी जिले में एमपीईबी का 36 करोड़ रुपए का काम इसी साल जनवरी से जून तक किया था। इसमें ट्रांसफार्मर और विद्युत लाइन का विस्तार किया गया। लोकायुक्त ने तिवारी को दबोचने के लिए एक बैग में पांच लाख रु. का चेक और 10 लाख रु. नकद रखे। शहडोल कोतवाली के पास तिवारी ने रिश्वते देने के लिए बुलाया था, जैसे ही उसने बैग पकड़ा और टीम ने उसे दबोच लिया।